रविवार, 17 जनवरी 2010
श्रद्धा सुमन
वैसे तो ज्योति बसु जैसे पुरोधा पर कलम उठाने की मेरी हैसियत नहीं लेकिन श्रद्धा सुमन अर्पित तथा संवेदना व्यक्त करने के लिए शायद इसकी दरकार भी नहीं। ९५ वर्षीय ज्योति बाबू का 17 जनवरी, 2010 को निधन से वामपंथ के एक युग का अंत हो गया। हालांकि उनमें कुछ करने या और जीने की लालसा शायद ही रही हो लेकिन लैंपपोस्ट के बुझने से राह से भटकने की संभावना प्रबल हो जाती है। बसु की विदाई किसान,गरीब और श्रमिक वर्ग के लिए बहुत बड़ी क्षति है। ऐसे नेता को नमन ...
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